महिलाओं को होता है निप्पल डर्मेटाइटिस खतरा, जाने क्या हैं लक्षण और बचने के उपाय

महिलाओं को होता है निप्पल डर्मेटाइटिस खतरा, जाने क्या हैं लक्षण और बचने के उपाय

सेहतराग टीम

हमारे शरीर में सबसे कोमल चीज हमारी त्वचा होती है, जिसकी देखभाल हम हमेशा करते रहते हैं। उसके बावजूद भी कई प्रकार के रोग हमारी त्वचा में हो जाते हैं, जिससे हमे ज्यादा दिक्कत होती है। वही पुरुषों की त्वचा के अपेक्षा महिलाओं की त्वचा ज्यादा कोमल होती है। त्वचा के अलावा महिलाओं के कुछ अंग आधिक संवेदनशील होते है, जिनमें स्तन, खासकर निप्पल भी शामिल है। कई बार निप्पल में छोटे-छोटे दाने, पैचेज, लाल निशान या सफेद स्किन दिखाई देती है, जिसके कारण स्तनों में तेज खुजली होती है। महिलाएं अक्सर इसे पसीने या कपड़े की एलर्जी समझकर नजरअंदाज कर देती हैं। मगर कई बार सामान्य दिखने वाले ये संकेत 'निप्पल डर्मेटाइटिस' के हो सकते हैं। 

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दूसरे प्रकार के डर्मेटाइटिस की ही तरह निप्पल में होने वाला डर्मेटाइटिस भी किसी दिन तेज उभरता है और किसी दिन शांत हो जाता है। मगर यहां समझने की बात ये है कि डर्मेटाइटिस खतरनाक रोग नहीं है, इसलिए इसका इलाज आसानी से संभव है। मगर कई बार लगातार होने वाली खुजली, पैचेज, निशान आदि ब्रेस्ट कैंसर का शुरुआती संकेत भी हो सकते हैं। इसलिए इस समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

निप्पल डर्मेटाइटिस होने पर क्या करें

जो महिलाएं स्तनपान कराती हैं, उन्हें अगर निप्पल डर्मेटाइटिस होता है, तो बहुत परेशानी होती है। क्योंकि शिशु जब स्तनपान करता है, तो इंफेक्शन और बैक्टीरिया उसके मुंह के रास्ते शिशु के शरीर में भी प्रवेश कर सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि ऐसी समस्या दिखने पर आप तुरंत त्वचा रोग विशेषज्ञ के पास जाएं और उनसे सलाह और दवाएं लें। इसके अलावा जब तक डर्मेटाइटिस ठीक न हो जाए, आप कुछ उपाय अपना सकती हैं, जैसे-

  • गर्म पानी में कोई कपड़ा या टॉवेल भिगाकर निप्पल की अच्छी तरह सफाई करें। ध्यान रखें साबुन का इस्तेमाल न करें क्योंकि इससे जलन हो सकती है और इंफेक्शन फैल सकता है।
  • इसके बाद स्तनों को साफ धुले हुए कपड़े या टॉवेल से अच्छी तरह पोंछकर सुखाएं। इसके बाद अगर आप शिशु को स्तनपान कराती हैं, तो कराएं।
  • अगर स्तनपान नहीं कराती हैं, तो सुखाने के बाद निप्पल के आसपास की त्वचा पर पेट्रोलियम जैली लगाएं। 
  • अगर स्तनों में दर्द हो रहा है, तो आप डॉक्टर की सलाह लेकर कोई पेनकिलर भी ले सकती हैं। मगर कई दिनों तक समस्या हो तो नजरअंदाज न करें।

निप्पल डर्मेटाइटिस के लक्षण और संकेत

निप्पल डर्मेटाइटिस किसी एक या दोनों स्तनों को प्रभावित कर सकता है। आमतौर पर इस रोग के होने पर निप्पल का उभरा हुआ भाग और आसपास की डार्क त्वचा प्रभावित होते हैं। इसके कारण प्रभावित हिस्से में लाल निशान, छोटे-छोटे दाने, रैशेज, पैचेज, खुजली आदि की समस्या हो सकती है। कई बार त्वचा सफेद रूखी हो जाती है और दाद जैसे निशान उभर आते हैं। इसमें ध्यान रखने की बात ये है कि इसे बहुत ज्यादा खुजलाने को डॉक्टर्स सही नहीं मानते हैं, क्योंकि इससे इंफेक्शन फैलने या त्वचा के कटने का खतरा होता है।

किन्हें होता है खतरा

आमतौर पर निप्पल डर्मेटाइटिस का खतरा उन लोगों को होता है, जिनकी त्वचा बहुत ज्यादा सेंसिटिव होती है। इसके अलावा कई बार स्किन केयर प्रोडक्ट्स की एलर्जी के कारण, सिंथेटिक कपड़े की एलर्जी के कारण भी ये समस्या हो सकती है। इन सभी में भी उन महिलाओं को निप्पल डर्मेटाइटिस का खतरा ज्यादा होता है, जो स्तनपान कराती हैं। इसका खतरा तब और ज्यादा बढ़ जाता है जब शिशु स्तनपान के साथ-साथ बॉटल से दूध पीता है या पैसिफायर का इस्तेमाल करता है।

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